संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र की दो यूनिट बंद, बिजली उत्पादन पर पड़ा असर
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
उमरिया जिले के बिरसिंहपुर स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में एक बार फिर उत्पादन प्रभावित हुआ है। तकनीकी खराबी के चलते यहां की दो बड़ी यूनिटों को बंद करना पड़ा है। मंगलवार को जहां 210 मेगावाट की यूनिट नंबर-2 बंद हुई, वहीं बुधवार को 500 मेगावाट की यूनिट को भी तकनीकी दिक्कत के चलते रोकना पड़ा। इस वजह से कुल 710 मेगावाट का उत्पादन ठप हो गया है, जिससे प्रदेश के बिजली ग्रिड पर भी असर पड़ा है।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को 210 मेगावाट की यूनिट नंबर-2 में अचानक जनरेटर से संबंधित समस्या सामने आई। तकनीकी टीम ने तुरंत सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए यूनिट को बंद करने का निर्णय लिया। इसके बाद बुधवार सुबह 500 मेगावाट की यूनिट में बॉयलर ट्यूब लीकेज की समस्या सामने आई, जिसके चलते इस यूनिट को भी बंद करना पड़ा। दोनों यूनिटों के ठप होने से संयंत्र का कुल बिजली उत्पादन घट गया है।
संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के मुख्य अभियंता एच. के. त्रिपाठी ने बताया कि 210 मेगावाट की यूनिट नंबर-2 में जनरेटर संबंधी तकनीकी खराबी आई थी। विशेषज्ञों की टीम इसकी जांच कर रही है और आवश्यक सुधार कार्य किया जा रहा है। वहीं, 500 मेगावाट की यूनिट के बॉयलर ट्यूब में लीकेज होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की तकनीकी समस्याएं समय-समय पर आती रहती हैं और इन्हें सुधारने में कुछ समय लगता है।
मुख्य अभियंता ने बताया कि फिलहाल मरम्मत का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। 210 मेगावाट की यूनिट को 2 से 3 दिनों में फिर से चालू करने की संभावना है, जबकि 500 मेगावाट की यूनिट में ट्यूब लीकेज ठीक करने के बाद परीक्षण के उपरांत इसे चालू किया जाएगा। दोनों यूनिटों के बंद होने के बाद अब केंद्र की केवल बची हुई यूनिटों से ही उत्पादन जारी है।
संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र प्रदेश के सबसे बड़े ताप विद्युत उत्पादन केंद्रों में से एक है। यहां कुल पांच यूनिटें स्थापित हैं चार 210 मेगावाट की और एक 500 मेगावाट की। इनमें से दो यूनिटों के बंद होने से उत्पादन क्षमता का बड़ा हिस्सा प्रभावित हो गया है। औसतन केंद्र से रोजाना करीब 1340 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है, लेकिन फिलहाल यह घटकर लगभग आधा रह गया है।
स्थानीय कर्मचारियों के मुताबिक, इन दिनों केंद्र की पुरानी यूनिटों पर लगातार दबाव बना हुआ है। उत्पादन को बनाए रखने के लिए लगातार संचालन किया जा रहा था, जिससे मशीनों पर अतिरिक्त लोड पड़ गया। इसी वजह से तकनीकी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं।
बिजली संयंत्र प्रशासन का कहना है कि दोनों यूनिटों को जल्द से जल्द दुरुस्त कर फिर से चालू करने के प्रयास जारी हैं। तकनीकी टीम चौबीसों घंटे काम कर रही है ताकि बिजली उत्पादन सामान्य हो सके। यदि सब कुछ योजना के अनुरूप हुआ तो अगले कुछ दिनों में संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र फिर से पूरी क्षमता के साथ उत्पादन शुरू कर देगा।
