Sidhi news:राशि का पंचायतों द्वारा कर लिया गया है आहरित, अब तक दोषियों का नही किया गया चिन्हांकन
संवाददाता अविनय शुक्ला
Sidhi news:सीधी जिले की जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत महिला बाल विकास परियोजना अंतर्गत विभाग के द्वारा ग्राम पंचायतो के खातों पर भवन वनाने के लिये राशि भेजी गई थी। लेकिन भवनो का पूणतः निर्माण कार्य नहीं कराया गया जिससे शासन की राशि जिम्मेदारो ने खर्च भी कर दी गई और अभी भी परियोजना 19 आंगनवाड़ी केंद्रों के भवन नहीं बन पाने से परेशानी का सामना कर रहा हैं। पूरे मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे कई वर्ष बीत चुके हैं और मामला ठंडे बस्ते पर दबा पड़ा हुआ है। इस मामले का खुलासा कुसमी जनपद के सामान्य प्रशासन समिति की बैठक मे हुआ था, पूरे मामले पर जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी व्यक्त की वहीं मामले की जानकारी जनपद सीईओ को भी नहीं थी जनपदपंचायत कुसमी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने परियोजना की सुपरवाइजर से पूरी लिस्ट मांग कर इस गंभीर मामले मे कार्यवाही करना शुरू कर दिया था लेकिन अब मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। वहीं अब यदि आगनबाड़ी केंद्रों की बात करें जिसमें ग्राम पंचायत दुआरी क्रमांक 1 वर्ष 2020 में 7 लाख राज्य आयोजना से पंचायत के खाते में भेजे गए थे वर्तमान में अभी कार्य शुरू तक नहीं हुआ है, जूरी आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 2 के लिये वर्ष 2021/22 में करीब 4 लाख मनरेगा से प्रदाय किया गया लेकिन कार्य शुरू नहीं हो पाया है। रौहल आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 1 वर्ष 2020 में 7 लाख राज्य योजना सेपंचायत के खाते मे दिया गया लेकिन केंद्र का कार्य शुरू नहीं हुआ है। खैरी क्रमांक 2 वर्ष 2009 में 2.50 लाख बीआरजीएफ से दिया गया था मात्र छत स्तर तक बनाया गया था और अब मकान गिर भी गया है। गिजोहर मे वर्ष 2010 में 1 लाख 34 हजार बीआरजीएफ योजना से दिया गया वह भी निर्माणाधीन है बहेराडोल क्रमांक 2 के लिये वर्ष 2011 में 5 लाख 83 हजार बीआरजीएफ से दिया गया था जिसमें छपाई खिड़की दरवाजा नही है। लवाही मे वर्ष 2014 में 8 लाख 11 हजार आईएपी से दिया गया था मात्र नींव तक बना है। भुइमाड केंद्र क्रमांक 2 में वर्ष 2014 में 8 लाख 11 हजार आईएपी से दिया गया था छत लेबल तक बना है कार्य अधूरा है। शंकरपुर क्रमांक 2 वर्ष 2012 मे 4 लाख बीआरजीएफ से दिया गया था कार्य पूर्ण नही है खिड़कीदरवाजा सफाई का कार्य नही हुआ।
Sidhi news:शंकरपुर क्रमांक 3 वर्ष 2011 में 5 लाख 83 हजार बीआरजीएफ योजना से दिया गया था कार्य पूर्ण नही है। शंकरपुर क्रमांक 1 वर्ष 2011 में 4 लाख दिया गया था जहां निर्माण कार्य नहीं कराया है। गोतरा क्रमांक 3 में वर्ष 2011 में 4 लाख दिया गया था दीवार स्तर तक बनाया गया है कार्य अधूरा पडा है। गोतरा क्रमांक 5 में वर्ष 2011 में 5 लाख 83 हजार बीआरजीएफ योजना से दिया गया था दीवार स्तर तक बनाया गया बाकी कार्य शेष है। बजबई केन्द्र क्रमांक 2 वर्ष 2011 में 5 लाख 83 हजार अन्य मत दिया गया था नींव स्तर तक मात्र भवन बनाया गया है। वहीं रामपुर क्रमांक 2 में वर्ष 2011 में 5 लाख 83 हजार बीआरजीएफ योजना से दिया गया था छत स्तर तक बना है कार्य अधूरा है। वर्तमान में भवनक्षतिग्रस्त भी हो गया है गुडुआधार क्रमांक 1 में वर्ष 2005 में 1 लाख 25 हजार विश्व बैंक से दिया गया था दीवार स्तर तक बना है वर्तमान में क्षतिग्रस्त है। गुडुआधार क्रमांक 3 में 2011 में 5 लाख 83 हजार दिया गया था कार्य अधूरा है। टमसार क्रमांक 3 में वर्ष 2008 में 2 लाख 50 हजार बीआरजीएफ योजना से लिया गया है कार्य अधूरा है। ददरिहा मे 2011 में 4 लाख दिया गया था कार्य अधूरा है। बताते चले कि परियोजना कुसमी के 19 केन्द्र बनने से आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को भवन नही मिल पाया क्योकि पंचायते राशि डकार गई है और जिम्मेदारों ने इन पर ठोस कार्यवाही नही की है। वरिष्ठ अधिकारियो की लापरवाही के कारण 19 आंगनवाड़ी केंद्र के लिए भवन नही मिल सका है विभाग पैसा देकर भी भवन के लिये तरस रहा है।