Iman dharm: 🎬 क्लासिक फिल्म ईमान धर्म फिर सुर्खियों में,अमिताभ बच्चन और शशि कपूर की जोड़ी का अनोखा सफ़र
नई दिल्ली। बॉलीवुड की चर्चित पुरानी फिल्मों में से एक ईमान धर्म (Immaan Dharam, 1977) इन दिनों फिर से सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर इस फिल्म का एक दुर्लभ फोटो वायरल हुआ है, जिसमें अमिताभ बच्चन और शशि कपूर की यादगार जोड़ी दिखाई दे रही है। इस तस्वीर ने फिल्म प्रेमियों के बीच बीते दौर की यादें ताज़ा कर दी हैं।
📌 फिल्म की बुनियादी जानकारी
रिलीज़ वर्ष: 14 जनवरी 1977
निर्देशक: देश मुखर्जी
निर्माता: प्रेमजी (सुचित्रा फिल्म्स प्रा. लि. के बैनर तले)
कहानी और संवाद: मशहूर जोड़ी सलिम–जावेद
संगीत: लक्ष्मीकांत–प्यारेलाल
गीतकार: आनंद बख्शी
⭐ प्रमुख कलाकार
अमिताभ बच्चन – अहमद रज़ा
शशि कपूर – मोहन सक्सेना
रेखा – दुर्गा
संजीव कुमार – कबीर दास
Iman dharm :साथ ही हेलेन, प्रेम चोपड़ा, अमरीश पुरी और उप्पल दत्त जैसे कलाकारों ने भी अहम भूमिकाएँ निभाईं।
📝 फिल्म की कहानी
ईमान धर्म की कहानी दो ऐसे युवकों अहमद (अमिताभ बच्चन) और मोहन (शशि कपूर) से शुरू होती है, जो झूठी गवाही देकर अपनी रोज़ी-रोटी कमाते हैं। अदालतों में पैसा लेकर सच को झूठ और झूठ को सच बना देना उनका धंधा होता है।
लेकिन तभी उनकी मुलाकात होती है कबीर दास (संजीव कुमार) से। यह मुलाकात उनकी ज़िंदगी का रुख बदल देती है। कबीर उन्हें ईमानदारी का रास्ता अपनाने की सीख देते हैं। दोनों दोस्त ठान लेते हैं कि अब से वे सही रास्ते पर चलेंगे।
Iman dharm : कहानी में मोड़ तब आता है जब खुद कबीर पर हत्या का झूठा इल्ज़ाम लग जाता है। अब अहमद और मोहन पर जिम्मेदारी है कि वे अपने गुरु को बेगुनाह साबित करें और असली अपराधी को पकड़ें। इस संघर्ष में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अंत में इंसाफ की जीत होती है।
🎶 संगीत और लोकप्रियता
फिल्म के गाने उस दौर में काफी सराहे गए। लक्ष्मीकांत–प्यारेलाल के संगीत और आनंद बख्शी के बोलों ने फिल्म को संगीतमय ताकत दी। हालांकि रिलीज़ के वक्त फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत बड़ी हिट नहीं रही, लेकिन कलाकारों की अदाकारी और गंभीर विषय ने इसे दर्शकों के दिलों में खास जगह दिलाई।
📢 प्रतिक्रिया और आज की लोकप्रियता
1970 का दशक अमिताभ बच्चन के एक्शन और एंग्री यंग मैन वाले किरदारों का दौर था। ऐसे में ईमान धर्म जैसी गंभीर और सामाजिक संदेश देने वाली फिल्म उतनी व्यावसायिक सफलता नहीं पा सकी। फिर भी आज यह फिल्म अपने सशक्त संवादों, दमदार अभिनय और अनोखी कहानी की वजह से याद की जाती है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर ने यह साबित कर दिया कि पुराने सिनेमा का आकर्षण आज भी बरकरार है। दर्शक न केवल उस दौर की फिल्मों को याद कर रहे हैं, बल्कि नई पीढ़ी भी इन फिल्मों के जरिए हिंदी सिनेमा के स्वर्णिम इतिहास को जान रही है।
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