शुरूचि परस्ते बनी एक दिन की उमरिया कलेक्टर, प्रशासनिक जिम्मेदारी संभाल कर दी प्रेरणा
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सोमवार को जिला मुख्यालय में एक अनोखी पहल देखने को मिली। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने ग्राम मरदरी की छात्रा शुरूचि परस्ते को एक दिन का सांकेतिक कलेक्टर बनाया। कलेक्टर सभागार में हुई साप्ताहिक जनसुनवाई के दौरान शुरूचि ने आम लोगों की समस्याएं सुनीं और समाधान के सुझाव दिए। इस दौरान वास्तविक कलेक्टर धरणेंद्र कुमार जैन और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
जनसुनवाई में शुरूचि आत्मविश्वास से भरी नजर आईं। उन्होंने लोगों से संवाद करते हुए प्रशासनिक प्रक्रिया को समझा और समस्याओं को गंभीरता से सुना। इस पहल का उद्देश्य बालिकाओं में नेतृत्व की भावना विकसित करना और उन्हें शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली से परिचित कराना था।
बेटियां समाज की ताकत हैं, बोझ नहीं
सांकेतिक कलेक्टर बनी शुरूचि परस्ते ने कहा कि यह दिन उनके जीवन का सबसे खास अनुभव रहेगा। उन्होंने कहा आज मुझे गर्व है कि मैं बेटियों का प्रतिनिधित्व कर रही हूं। बेटियां अब बोझ नहीं, बल्कि वरदान हैं। जब एक बेटी शिक्षित होती है, तो पूरा समाज आगे बढ़ता है।शुरूचि ने कहा कि हर परिवार को चाहिए कि वे अपनी बेटियों को पढ़ने और आगे बढ़ने का पूरा अवसर दें, क्योंकि शिक्षित बेटियां ही समाज में सकारात्मक बदलाव लाती हैं।
छात्रा से कलेक्टर की कुर्सी तक
शुरूचि माता शबरी आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर उमरिया की कक्षा 12वीं (कॉमर्स) की छात्रा हैं। उनके पिता ध्रुव सिंह, जो आहूजा ट्रेडर्स में कार्यरत हैं, और माता अनुश्रिया ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताई। शुरूचि ने बताया कि कलेक्टर की कुर्सी पर बैठकर आम लोगों की समस्याएं सुनना उनके लिए अविस्मरणीय अनुभव रहा।
बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कदम
कलेक्टर धरणेंद्र कुमार जैन ने कहा कि इस तरह की पहलें समाज में जागरूकता बढ़ाती हैं और बेटियों को नेतृत्व के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा बालिकाएं हमारे समाज की वास्तविक शक्ति हैं। जब वे शिक्षित और आत्मनिर्भर बनेंगी, तभी सच्चा विकास संभव है।
उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियां ग्रामीण क्षेत्रों में भी सोच में सकारात्मक बदलाव लाती हैं।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर प्रमोद कुमार सेनगुप्ता, संयुक्त कलेक्टर रीता डेहरिया, डिप्टी कलेक्टर मीनाक्षी इंगले, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी और अन्य जिला अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने शुरूचि के आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता की सराहना की।
भविष्य के लिए प्रेरणा बनी शुरूचि
कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों ने कहा कि शुरूचि जैसी बालिकाएं समाज के लिए प्रेरणा हैं। उनका यह अनुभव अन्य छात्राओं को भी प्रशासनिक क्षेत्र में आने की दिशा में प्रोत्साहित करेगा।
जनसुनवाई के बाद शुरूचि ने कहा कि वह भविष्य में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करेंगी, ताकि एक दिन सच में जिले की कलेक्टर बन सकें।
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर यह आयोजन केवल प्रतीकात्मक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि इसने यह संदेश दिया कि जब बेटियों को अवसर मिलता है, तो वे हर जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकती हैं।