sidhi news:पंचायत में मिठाई के नाम पर भारी-भरकम निकाल लिए राशि
संपादक मनोज शुक्ला (7723041705,9589792474)
Sidhi news:सीधी जिले के जनपद पंचायत सिहावल अतर्गत पनवारी पंचयत में मिठाई के नाम पर भी भारी-भरकम रकम निकालने की शिकायत मिली है। जिसमें कि 15 अगस्त एवं 26 जनवरी के नाम पर साल भर के अंदर कई हजार रुपए फर्जी बिल के माध्यम से निकाला जा चुका है। सरपंच एवं रोजगार सहायक की मिलीभगत से यह कारनामा किया गया है।
Sidhi news:मालूम हो कि भनवारी पंचायत में प्राष्टाचार की हदें पार हो रही हैं। हालात यह है कि यहां मिठाई के नाम पर भी भारी-भरकम रकम निकाली जा चुकी है। जिसके तहत पाठक स्वीट्स से 11 हजार 840 रुपए एवं उसके पहले 6 हजार से ज्यादा रकम का भुगतान किया गया है। वहीं रामायण होटल के संचालक रामायण द्विवेदी द्वारा दिए गएबिल में भी 10 हजार 950 रुपए का भुगतान 15 अगस्त 2024 के नाम से निकाली गई है। इसके साथ ही अन्य स्थानों में फर्जीवाड़ा तो हुआ ही है। इस तरह का कारनमा पंचायत द्वारा किया गया है।
पाठक ट्रेडर्स के नाम पर निकाली गई 38 हजार का भुगतान
Sidhi news:भनवारी पंचायत में पाठक ट्रेडर्स के नाम पर 38 हजार 940 रुपए की राशि निकाली गई। दुकानदार द्वारा कच्ची विल दिया गया है। ऐसे में सरपंच एवं सचिव तथा रोजगार सहायक पूर्ण रूप से दोषी माने जा सकते हैं। जिनके द्वारा इस तरह का गोरखचंधा किया जा रहा है। इसके बाद भी कार्यवाही से परहेज होना समझ से परे माना जा सकता है।
दुकानदारों पर भी होनी चाहिए कार्यवाही
sidhi news:ऐसे दुकानदार जिन्होने फर्जी बिल के माध्यम से पंचयत मेंभुगतान करने के लिए रसीद जारी किय उन दुकानदारों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। टैक्स बचाने के चक्कर में दुकानदारों ने नियम के विपरीत फर्जी बिल जारी किए हैं। जिस वजह से इन दुकानदारों पर भी कार्यवाही होना जरूरी है। इसके लिए इनकम टैक्स विभाग अभी भी सुस्त है। बताया गया कि विजय टेंट हाउस में सर्वाधिक भुगतान पंचायत द्वारा किया गया। इसके साथ ही उदय ट्रेडर्स के नाम पर 12 नवंबर 2024 की तारीख में 12 हजार 850 रुपए का भुगतान किया गया आरके साउंड एवं डीजे बहरी में भी बिना तारीख एवं जीएसटी बिल दिए 6500 रुपए का भुगतान हुआ है। इसी तरह जय टेट हाउस में 15 हजार 900 रुपए का भुगतान किया गया। संतोष पलावर्स एवं डेकोरेशन द्वारा 12 जनवरी 2024 को 5600 रुपए का भुगतान पंचायत द्वारा किया गया। केशव हार्डवेयर के नाम पर 11 हजार 900 रुपए का भुगतान हुआ है। इस तरह कई भुगतान दुकानदारों द्वारा किय गया जिन्होने कच्ची रसीद दिए हैं। इन दुकानदारों के नाम पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। नियम है कि जीएसटी-सीएसटी बिल के तहत रसीद दिया जाए लेकिन दुकानदारों द्वारा टैक्स चोरी करने की बजह से कच्ची ब्लि के माध्यम से भुगतान हासिल किए हैं। ऐसे में सरपंच, सचिव सहित रोजगार सहायक तो प्रथम दोषी है। ही साथ ही अन्य व्यवसायी भी दोषी माने जाएंगे।