सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम के तहत मातृशक्तियों ने की प्रेस वार्ता, महिलाओं के नेतृत्व में होगा राष्ट्रीय जागरण अभियान
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
सरस्वती शिशु मंदिर बिरसिंहपुर पाली में रविवार को सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम के तहत मातृशक्तियों ने प्रेस वार्ता कर आगामी आयोजन की जानकारी दी। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती और वीरांगना रानी दुर्गावती के चित्रपट पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर जिला संयोजिका कौशल्या चक्रवर्ती, जिला वक्ता ज्योति द्विवेदी और माधवी सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहीं।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि विद्या भारती के संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम की शुरुआत रानी दुर्गावती जयंती, 5 अक्टूबर से की जा रही है, जो आगामी 23 जनवरी तक विभिन्न स्तरों पर आयोजित किया जाएगा। यह अभियान विशेष रूप से मातृशक्तियों के नेतृत्व में चलाया जाएगा महिलाओं का, महिलाओं के लिए और महिलाओं द्वारा ।
कौशल्या चक्रवर्ती ने बताया कि यह कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जागरण का अभियान है। इसके माध्यम से मातृशक्ति देश के हर कोने तक भारतीय जीवन मूल्यों, परिवार संस्कृति और पर्यावरण चेतना का संदेश पहुंचाएगी। उन्होंने कहा, हमारी परंपरा में नारी को शक्ति का स्वरूप माना गया है। अब समय है कि वह समाज को फिर से दिशा देने का कार्य करें।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि सप्त शक्ति संगम के तहत मातृशक्ति सम्मेलन ग्राम भारती, संस्कार केंद्र, वनवासी केंद्र और विद्यालयों में आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में पांच प्रमुख परिवर्तनों को लाना है कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, स्व का बोध और नागरिक कर्तव्य का पालन।
जिला वक्ता ज्योति द्विवेदी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी परिवार की वास्तविक परिभाषा भूलती जा रही है। उन्होंने कहा, आज के समय में कुटुंब का अर्थ केवल पति-पत्नी और बच्चे रह गया है, जबकि भारतीय संस्कृति में कुटुंब का दायरा बहुत व्यापक है। इसमें समाज, प्रकृति और पूरा विश्व शामिल है। वसुधैव कुटुंबकम् की यही भावना हमें फिर से जगानी होगी।
वहीं, जिला वक्ता माधवी सिंह ने पर्यावरण और सामाजिक समरसता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज तभी संतुलित रहेगा जब हम प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा सप्त शक्ति संगम के माध्यम से हम यह संदेश देंगे कि पर्यावरण की रक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।
इस अवसर पर मातृशक्तियों ने बताया कि पूरे जिले में महिला कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर पहुंचकर इन विषयों पर संवाद स्थापित किया जाएगा। सम्मेलन के दौरान विभिन्न विचार गोष्ठियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जनजागरण यात्राएं भी आयोजित की जाएंगी।
कौशल्या चक्रवर्ती ने कहा कि यह आयोजन केवल चर्चा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके परिणामस्वरूप समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य नारी शक्ति को जागृत कर समाज में वह वातावरण तैयार करना है, जिसमें परिवार, समाज और राष्ट्र तीनों का संतुलित विकास हो।
कार्यक्रम के अंत में कीर्तिः श्रीर्वाक च नारीनाम स्मृति मेधा घृति क्षमाः जैसे वैदिक मंत्रों के साथ मातृशक्तियों ने समाज कल्याण और राष्ट्रीय एकता की भावना को सशक्त बनाने का संकल्प लिया।