एमपी हाईकोर्ट ने ‘प्रेग्नेंसी बाइबल’ पर करीना कपूर को नोटिस जारी किया, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
‘करीना कपूर खान प्रेग्नेंसी बाइबल’ किताब एक बार फिर सुर्खियांे मंे आने के साथ साथ फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर खान की मुश्किलें बढ़ाती नजर आ रही है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल बैंच ने किताब के टाईटल प्रेग्नेंसी बाइबल’ को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आधार मानते हुये नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
जस्टिस जीएस अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने किताब की को-ऑथर अदिति शाह भीमजियानी, अमेजन इंडिया और जगरनाट बुक्स को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई 2024 को नियत की है।
दरअसल करीना कपूर नेे सैफ अली खान से साल 2012 में शादी की थी। करीना 2016 में पहली बार मां बनी और उन्होंने बेटे तैमूर को जन्म दिया था। फिर 21 फरवरी 2021 को दूसरे बेटे को जन्म दिया जिसका नाम जेह अली खान उर्फ जहांगीर रखा। करीना कपूर ने 9 अगस्त 2021 को खुद की प्रेग्नेंसी पर आधारित यह किताब न केवल लॉच की बल्कि उन्होंने इस किताब को अपना तीसरा बच्चा बताया।
करीना कपूर की प्रेग्नेंसी पर लिखी किताब का टाईटल इसके लॉच होते ही विवादों में आ गया था। इस मामले में हाईकोर्ट में एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथोनी ने साल 2022 में याचिका दाखिल की,जिसकी पहली सुनवाई अगस्त 2022 में हुई थी,
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भी पार्टी बनाने के लिए कहा, लेकिन मामला करीब 2 साल तक स्थिल रहा। बाद में एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथोनी ने कोर्ट में मेमोरेंडम लगा जिस पर जस्टिस जीएस अहलूवालिया की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में वकील ने याचिका में दलील दी कि नाम में बाइबल जोड़ने से ईसाई धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हुईं।
एंथोनी का कहना है कि बाइबल ईसाई धर्म का धार्मिक ग्रंथ है। प्रभु यीशू की शिक्षा का वर्णन इस पवित्र पुस्तक है। करीना की किताब में बाइबल का इस्तेमाल से ईसाई धर्म आहत है उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है।
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