Mp news : एससीसीएफ की लापरवाही से खरीदी केन्द्रो मे भीगा हजारों टन धान
बरसात मे भींगे धान से किसानो क़ो हुए नुकसान का जबाबदार कौन
Mp news : ब्योहारी मे सुबह से हो रही वारिस ने जंहा जनजीवन अस्त ब्यस्त कर दिया है वंही खुले मे पड़े किसानो और सहकारी समितियों की लाखो क्विंटल धान भींग कर खराब हो गयी है। ब्योहारी मे कुछ ही जगह केंद्र वेयर हॉउस मे बने है बांकी अधिकांश जगह धान खरीदी खुले आसमान के नीचे की ज़ा रही है।
एनसीसीएफ, सहकारिता, खाद्य एवं परिवहनकर्ता की लापरवाही और मनमानी के चलते खुले मे पड़ी लाखो क्विंटल धान पानी मे भींग गया है। अब इस भीगी हुई धान की मिलिंग भी ठीक तरह से नहीं होगी वंही किसानो की बिकी धान क़ो एनसीसीएफ के ग्रेडर भी इसको रिजेक्ट करेंगे जिसके चलते किसान भी परेशान होगा।
Mp news : वैसे भी अधिकांश खरीदी केंन्द्रो मे वरदाना की कमी होने के कारण किसानो की धान कई दिनों से खरीदी केंन्द्रो मे पड़ी रही है उसका तौल नहीं हो पाया और अब बारिस से किसान अलग से परेशान है। इस बार किसान एनसीसीएफ, सहकारिता, खाद्य और परिवहनकर्ता के बीच पिस रहा है उपर से आसमानी आफत ने अलग से किसानो की चिंता बढ़ा कर रख दी है। हलाकि यह पानी गेंहू की खेती के लिये अमृत समान है लेकिन धान खरीदी केन्द्रो के लिये जहर की तरह हो गया है।
दूसरी तरफ किसान और खरीदी केंद्र प्रभारी चिंता मे डूब गये कि अब इस धान क़ो रिजेक्ट कर दिया जायेगा और जो धान किसान संस्था क़ो बेच चुके है।लेकिन विभाग के लापरवाही के चलते परिवहन नहीं हुआ है और धान खरीदी से संबंधित सभी अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए किसान और खरीदी प्रभारी क़ो दोषी मानते हुए सारी गलती और कमी उन्ही क़ी निकाल देंगे ऐसे सरकार क़ो चाहिए क़ी सभी जिम्मेदार अधिकारियों और एजेंसी पर सख्त कार्यवाही करें ता कि किसानो और धान खरीदी करने वाले प्रभारी क़ो राहत मिल सके।
वंही कांग्रस पार्टी से जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र पटेल द्वारा भी भीगी हुई धान से किसानो क़ो होने वाले नुकसान के लिये शासन प्रशासन क़ो दोसी ठहराया ज़ा रहा है। उनके द्वारा बताया गया कि यदि धान समय से उठ जाता तो किसानो क़ो उनका पैसा भी मिल जाता और आज ये स्थित नहीं होती जिसके लिये कलेक्टर शहडोल से मांग की गयी है।
जल्दी ही धान खरीदी केंद्र से धान क़ो उठवाये जिससे किसानो क़ो भुगतान हो सके बड़ी ही मेहनत से किसान फसलों क़ो उगता है और फिर इस तरह से बर्बादी हो तो कंही न कंही इसके लिये शासन प्रसासन ही जिम्मेदार है।
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