Mpnews:थाने की चारदीवारी में टूटा भरोसा: आदिवासी युवक की मौत का सच उजागर, पुलिसिया हिंसा के आरोप में ASI सहित चार जेल भेजे गए
Mpnews:मऊगंज जिले में थाने के भीतर एक आदिवासी युवक की मौत के मामले ने आखिरकार दो साल बाद पुलिस तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए नया मोड़ ले लिया है। मजिस्ट्रेटीय जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्यों के आधार पर अपने ही थाने में पदस्थ ASI सहित चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है। यह कार्रवाई न सिर्फ पीड़ित परिवार के लिए न्याय की उम्मीद है, बल्कि पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों पर एक बड़ा संदेश भी मानी जा रही है।
यह मामला 16 फरवरी 2023 का है। मऊगंज के घुरेहटा वार्ड क्रमांक 12 निवासी 29 वर्षीय आदिवासी युवक कैलाश कोल पर चोरी का संदेह जताकर कुछ ग्रामीणों ने पहले उसे बंधक बना लिया था। सूचना मिलने पर डायल-100 पुलिस मौके पर पहुंची और कैलाश को थाने ले आई। थाने के मुंशी कक्ष में उसे बैठाया गया, जहां उस वक्त ASI सूर्यबली सिंह ड्यूटी पर तैनात थे।
प्रत्यक्ष जानकारी के अनुसार, कैलाश के शरीर पर पहले से ही गंभीर चोटों के निशान थे। थाने में पूछताछ के दौरान उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई, लेकिन समय पर चिकित्सकीय सहायता नहीं मिल पाई। कुछ ही देर में कैलाश की मौत हो गई। युवक की मौत की खबर फैलते ही परिजन और समाजजन भड़क उठे और थाने में भारी हंगामा हुआ।मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मजिस्ट्रेटीय जांच के आदेश दिए गए।
जांच के दौरान थाने के सीसीटीवी फुटेज जब्त कर उनकी गहन समीक्षा की गई। फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर ASI सूर्यबली सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई। मजिस्ट्रेटीय जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस ने ASI सूर्यबली सिंह, विवेक गिरी, वीरेंद्र उर्फ वीरू रजक और गणेश गिरी को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ IPC की धारा 304, 330, 342, 34 तथा SC-ST एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
Mpnews:मऊगंज एसडीओपी सचि पाठक ने बताया कि यह एक पुराना मामला था, जिसकी जांच लंबे समय से चल रही थी। अब जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मामले की विवेचना अभी जारी है और यदि आगे और तथ्य सामने आते हैं, तो कानून के तहत और भी कठोर कदम उठाए जाएंगे
