रिहायसी इलाकों के करीब पहुंचा जंगली हाथियों का झुंड, वन विभाग अलर्ट
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
बिरसिंहपुर पाली जनपद के ग्राम अमहा गांव के जंगलों के पास इन दिनों जंगली हाथियों का झुंड दिखाई दे रहा है। हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत है, हालांकि अभी तक उन्होंने किसी तरह का नुकसान नहीं किया है। वन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है और हाथियों को सुरक्षित रूप से जंगल की ओर खदेड़ने की कोशिश की जा रही है।
बेली जमुहाई में दिखा झुंड
ग्रामीणों ने बताया कि बीती रात बेली जमुहाई के जंगल में करीब 12 हाथियों का झुंड देखा गया। इसमें एक हाथी का बच्चा भी शामिल है। झुंड दो गुटों में बंटकर घूम रहा है और उनका आबादी के पास आना लोगों के लिए चिंता का कारण बन गया है।
लगातार रिहायसी इलाकों की ओर रुख
पाली रेंजर सचिन कांति ने कहा कि हाथियों का मूवमेंट लगातार रिहायसी इलाकों की तरफ देखा जा रहा है। विभाग की टीम उन्हें बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की ओर भेजने का प्रयास कर रही है। रेंजर के मुताबिक यह झुंड ज्यादातर रात को सक्रिय रहता है। हाल ही में इन्हें एक बार गांव की तरफ बढ़ते देखा गया था, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद जंगल की ओर खदेड़ा गया था। लेकिन अब वे फिर से आबादी वाले हिस्से की तरफ आ रहे हैं।
ग्रामीणों को चेतावनी
वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे हाथियों से दूरी बनाए रखें और रात को घर से बाहर न निकलें। रेंजर कांति का कहना है कि हाथी शांत स्वभाव के होते हैं, लेकिन घबराने या उकसाने पर हमला कर सकते हैं। ऐसे में ग्रामीणों को सतर्क रहना चाहिए और झुंड के दिखने पर तुरंत विभाग को सूचना देनी चाहिए।
टकराव की बढ़ती वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में भोजन और पानी की कमी के कारण हाथी अक्सर गांवों की तरफ बढ़ आते हैं। खेतों की फसल और पास मौजूद जलस्रोत उन्हें आकर्षित करते हैं। यही वजह है कि बीते वर्षों में इंसान और हाथियों का आमना-सामना बढ़ा है।
बांधवगढ़ में बढ़ी मौजूदगी
पिछले कुछ सालों में बांधवगढ़ और आसपास के जंगलों में हाथियों की आवाजाही काफी बढ़ी है। छत्तीसगढ़ से आए कई झुंड यहां टिक गए हैं। विभाग का प्रयास है कि हाथियों को जंगल के अंदर ही रोका जाए ताकि इंसानों और जानवरों के बीच टकराव टाला जा सके।
वन विभाग की कार्रवाई
हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विभाग की टीमें लगातार गांवों का दौरा कर रही हैं। फॉरेस्ट गार्ड ग्रामीणों को सतर्क कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर ढोल-नगाड़ों और मशालों की मदद से हाथियों को आबादी से दूर खदेड़ा जाता है। विभाग का कहना है कि इस बार भी उन्हें सुरक्षित तरीके से बांधवगढ़ रिजर्व की ओर भेजा जाएगा।
दहशत और सतर्कता
अमहा और आसपास के गांवों में लोग सतर्क हो गए हैं। किसान रात को समूह में पहरा दे रहे हैं ताकि अचानक हाथियों के आने पर सभी को सूचना दी जा सके। अब तक किसी तरह की जान-माल की हानि की खबर नहीं है, लेकिन डर का माहौल जरूर है।
जंगली हाथियों का रिहायसी इलाकों की ओर बढ़ना विभाग और ग्रामीण दोनों के लिए चुनौती है। वन विभाग की कोशिशें जारी हैं और लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की गई है। समय रहते सतर्कता बरतने से इंसान और हाथी दोनों सुरक्षित रह पाएंगे।