बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में रेस्क्यू किए गए जंगली हाथी की मौत, दो महीने से चल रहा था इलाज
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के रामा कैंप में रखे गए एक जंगली हाथी की मंगलवार सुबह मौत हो गई। लगभग 20 वर्षीय यह नर हाथी 21 मई 2025 को संजय टाइगर रिजर्व की सीमा से रेस्क्यू कर बांधवगढ़ लाया गया था। इससे पहले यह हाथी शहडोल जिले में एक ग्रामीण की मौत का कारण भी बना था। आक्रामक व्यवहार और मानव-वन्यजीव संघर्ष को देखते हुए वन विभाग ने इसे सुरक्षित रूप से पकड़कर बांधवगढ़ स्थानांतरित किया था।
सूत्रों के अनुसार, हाथी को रामा कैंप में विशेष निगरानी में रखा गया था। उसे एक विशेष क्रॉल (बाड़े) में रखा गया था ताकि उसकी गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके। हालांकि, एक बार हाथी ने बाड़े को तोड़ने की भी कोशिश की थी, जिससे उसकी आक्रामकता और ज्यादा साफ हुई थी। इसके बावजूद, बीटीआर प्रशासन और पशु चिकित्सकों की टीम लगातार उसकी देखरेख और उपचार में जुटी हुई थी।
बीटीआर के उपसंचालक पीके वर्मा ने बताया कि मृत हाथी की उम्र लगभग 20 वर्ष थी और वह चोटिल अवस्था में बांधवगढ़ लाया गया था। पिछले दो महीनों से उसकी नियमित निगरानी की जा रही थी और उसे चिकित्सकीय सहायता दी जा रही थी। लेकिन मंगलवार सुबह करीब 5 बजे हाथी ने दम तोड़ दिया।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी की जा रही है, जिसके बाद हाथी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। मौत के सही कारणों की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी, हालांकि प्राथमिक तौर पर माना जा रहा है कि पुरानी चोटों और लंबे समय से चली आ रही कमजोरी के चलते उसकी जान चली गई।
यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं किस कदर चिंताजनक होती जा रही हैं। जंगल सीमित होते जा रहे हैं और जंगली जानवरों का निवास क्षेत्र घटने के कारण वे अक्सर मानव बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे जान-माल का नुकसान हो रहा है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों की मौजूदगी अब आम हो गई है, लेकिन इस तरह की घटनाएं वन विभाग की जिम्मेदारी और चुनौतियों को भी उजागर करती हैं। मृत हाथी की मौत से वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरणविदों में भी दुख और चिंता का माहौल है।
वन विभाग द्वारा मामले की जांच जारी है और विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।