जेल बिल्डिंग के पास सरकारी जमीन पर कब्जे का खेल तेज, नगर पालिका की चुप्पी सबसे बड़ा सवाल
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
जिला मुख्यालय में इन दिनों सरकारी जमीन पर कब्जे का खेल खुलेआम चल रहा है। जेल बिल्डिंग और आशियाना मैरिज गार्डन के पीछे की बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जे रात के अंधेरे में तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन नगर पालिका की भूमिका सबसे ज्यादा सवालों में है।
लोगों का कहना है कि जमीन पर कब्जा करने का पूरा सिस्टम तैयार है जिसमें गरीबों को आगे कर झोपड़ी डलवाई जाती है, फिर रातोंरात दीवार खड़ी कर दी जाती है। सूत्रों के मुताबिक कुछ जिम्मेदार लोग ही रास्ते दिखा रहे हैं और धारणाधिकार दिलाने का भरोसा देकर फायदा उठा रहे हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि कब्जाधारी दूर-दराज के गांवों से आकर खुद को पुराने निवासी बताने का नाटक करते हैं और कलेक्ट्रेट में घूमकर दस्तावेज बनाने की कोशिश करते हैं। कई बार एक-दो फुट जमीन को लेकर झगड़े की नौबत भी बन जाती है। इलाके में झोपड़ पट्टियां बढ़ रही हैं और संदिग्ध लोगों की आवाजाही लगातार जारी है।
सबसे चिंता की बात यह है कि नगर पालिका अवैध कब्जों को रोकने के बजाय कई जगह सुविधाएं देकर उन्हें मजबूत कर रही है। सूत्र कहते हैं कि कुछ कर्मचारी कब्जाधारियों को सलाह तक दे रहे हैं और धारणाधिकार के नाम पर फायदा उठा रहे हैं। लोगों का आरोप है कि अगर यही हाल रहा तो सरकारी जमीन का पूरा टुकड़ा कुछ लोगों की मिलीभगत से बंट जाएगा और बाद में उसी पर महंगी खरीद-फरोख्त शुरू हो जाएगी।
इलाके के लोगों ने प्रशासन से स्पष्ट मांग की है कि आशियाना मैरिज गार्डन और जेल बिल्डिंग के पीछे किए गए कब्जों को तुरंत हटाया जाए और जमीन को सुरक्षित किया जाए। साथ ही नगर पालिका में शामिल उन जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए जो इस पूरे खेल में मददगार बने हुए हैं।
इस मामले में नगर पालिका सीएमओ किशन सिंह ठाकुर ने स्वीकार किया कि शिकायतें मिली हैं और नए कब्जाधारियों को हटाया भी गया है, लेकिन पुराने कब्जों पर अभी तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्थानीय लोग इसी वजह से नगर पालिका पर सवाल उठा रहे हैं कि जब शिकायतें मान ली गई हैं तो फिर कब्जे पूरी तरह खत्म क्यों नहीं किए जा रहे।
लोगों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह सरकारी जमीन कुछ लोगों के हाथों में चली जाएगी और बाद में प्रशासन के लिए इसे वापस पाना मुश्किल हो जाएगा।
